STORYMIRROR

Tanha Shayar Hu Yash

Fantasy

3  

Tanha Shayar Hu Yash

Fantasy

इतनी ख़ुशी, इतनी बेखौफ़ी

इतनी ख़ुशी, इतनी बेखौफ़ी

1 min
13.8K


इतनी ख़ुशी, इतनी बेखौफ़ी, का इज़हार न कर राशीद,

वो साफ़ गलियाँ, वो पत्थर के मकान, आज भी है...

गलीचे खून के निशान सब चिल्लाकर बोलते राशीद,

वो साफ़-सा खंजर, वो छुपा हुआ-सा तू, आज भी है...

 

इतनी ख़ुशी, इतनी बेखौफ़ी, का इज़हार न कर राशीद,

वो सहमी हुई आँखें, वो थहरा हुआ मंज़र, आज भी है...

कभी जो खुलते थे दरवाज़ें तेरी उम्मीद के राशीद,

वो दरवाज़ें खिड़की, वो सर्दी, गर्मी की लू, आज भी है...

इतनी ख़ुशी, इतनी बेखौफ़ी, का इज़हार न कर राशीद,

वो मेरे होंठों पर हंसी, मेरे क़त्ल का दर्पण, आज भी है...

लग ना जाये हथकड़ी, तू और चार दिन नमाज़ पढ़ ले, 

वो ताला चाबी, और उस रास्ते पर पड़े तेरे निशां, आज भी है...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy