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Zala Rami

Fantasy Inspirational Others

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Zala Rami

Fantasy Inspirational Others

नारी

नारी

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कुसुम सम कोमल ही नहीं।

अंगार भी है आज की नारी।।

किसी के चरण की दासी नहीं ।

महाकाली का दुसरा रुप है नारी।।


न रहे चार दीवारों के बीच।

आसमान में उड़ने वाली है आज की नारी।।

गृहलक्ष्मी ही नहीं नारी।

राष्ट्र को चलाने वाली है आज की नारी।।


स्त्री की बुद्धि पैर की एड़ी पर ये बात न मानो।

देश की आन, बान ,शान है नारी।।

मत पुछो कहा है आज की नारी ?

ये पुछो कहा नहीं है आज की नारी ?


शिक्षक है, डॉक्टर है, रमतवीर है 

पायलट है, इन्जीनियर है, वकील है नारी।

हर क्षेत्र में अव्वल नंबर पर है आज की नारी।।

घर संभालती,नोकरी बिजनेस संभालती।

हर स्वजन को प्यार, निष्ठा से संभालती

कह रही संदेशी नवदुर्गा का अवतार है नारी।।


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