बचपन से पचपन की अनुभूति
बचपन से पचपन की अनुभूति
1 min
151
बचपन में न ज्यादा खेला मैंने
गवाया अपना बचपन।
थोड़ा बहुत परेशान किया समाज ने युवावस्था में
पर हुई परमात्मा की कृपा
निकल पड़े साहित्य के सफर में
मिला मान और सन्मान इस
सफर में
अब नहीं चिंता पचपन की।।
