वृद्ध
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वृद्ध है तो बच्चों का जीवन है उपवन।
वृद्ध आज हैं कल ना होंगे
केसै हैं पूछो।
बैठ के दो घड़ी बात उस के साथ करना।।
अपने हाथों से उसे खिलाना।
जीते जी पानी उनको पिलाना।।
कह के गये शयाने बड़े।
कहीं बाद में ना पछताना पड़े।।
वृद्ध है तो बच्चों का जीवन है उपवन।
वृद्ध आज हैं कल ना होंगे
केसै हैं पूछो।
बैठ के दो घड़ी बात उस के साथ करना।।
अपने हाथों से उसे खिलाना।
जीते जी पानी उनको पिलाना।।
कह के गये शयाने बड़े।
कहीं बाद में ना पछताना पड़े।।