ईमानदार बेईमान
ईमानदार बेईमान
सब कमियां ढूंढते हैं दूसरों में,
खुद की कमियां सारी बिसारी।
बेईमानी का न छोड़ें कोई मौका,
पर ढूंढते फिरते हैं ईमानदारी।
दो तरह के ही ईमानदार जगत में,
पहला वह जिसको मिला न अवसर।
दूजा वह जो भयभीत हो गया हो,
पकड़े जाने या नैतिकता से डरकर।
घोटालों में है जिन्हें प्राप्त महारत,
हथेली पर इज्ज़त लिए फिरते सारी।
बेईमानी का न छोड़ें कोई मौका,
पर ढूंढते फिरते हैं ईमानदारी।
बेईमानों के विविध समूह बना करके,
करते हैं विधिवत बेईमानी बारी-बारी।
बेईमानी के धंधों के भी अपने उसूल हैं,
जिन्हें निभाने में रहती पूरी ईमानदारी।
घनिष्ठ मित्रता निभाते हैं मिल-जुलकर,
बड़ी अजीब सी है इनकी कारगुज़ारी।
बेईमानी का न छोड़ें कोई मौका,
पर ढूंढते फिरते हैं ईमानदारी।
जानकारी करके सब ही पक्की ,
हम खुद को बनाएं शक्तिशाली।
दे सके न धोखा हमें भ्रमित कर,
निज ज्ञान से करें अपनी रखवाली।
धैर्य-विवेक से हम करें नियोजन,
और बाधाओं से जूझने की तैयारी।
बेईमानों को हम सबको सिखा दें,
सर्वत्र तब मिल पाएगी ईमानदारी।