मजबूत करके चलता हूँ इरादे इस बार, तुफानों में फिर चिराग जलाकर देखता हूँ। मजबूत करके चलता हूँ इरादे इस बार, तुफानों में फिर चिराग जलाकर देखता हूँ।
जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकारें मन से यही उसूल है सिखाया हमें कुदरत ने। जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकारें मन से यही उसूल है सिखाया हमें कुदरत ने।
आज मुझे आधा छोड़ा है कुछ कमियां थी मुझमें। आज मुझे आधा छोड़ा है कुछ कमियां थी मुझमें।
सच बताऊ मैंने क्या किया आपके लिए। मैंने तो सिर्फ शायरियों में लिखा आपको। सच बताऊ मैंने क्या किया आपके लिए। मैंने तो सिर्फ शायरियों में लिखा आपको।
आज वह जमाने की छुपी कमियां हमें दिखा देते है आज वह जमाने की छुपी कमियां हमें दिखा देते है
सब कमियां ढूंढते हैं दूसरों में, खुद की कमियां सारी बिसारी। सब कमियां ढूंढते हैं दूसरों में, खुद की कमियां सारी बिसारी।