देखते- देखते
देखते- देखते
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देखते ही देखते,
बच्चे बड़े हो जाते है,
कल जो हमारी डांट से
सहम जाते थे,
आज बड़ी - बड़ी मुसीबत
अकेले उठा जाते है।
देखते ही देखते बच्चे
बड़े हो जाते है
कल सड़क पार करते हुए
जिनका हाथ हम पकड़ लेते थे
आज हमारा हाथ वह
पकड़ जाते है।
देखते ही देखते.....
कल जिनको सही गलत
हम सिखाया करते थे
आज वह जमाने की छुपी
कमियां हमें दिखा देते है
देखते ही देखते
हमारे अबोध बालक
पुरुष बन जाते हैं
पर आज भी हमारे लिए
अबोध बालक हैं।