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MS Mughal

Fantasy

3  

MS Mughal

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होशरुबा

होशरुबा

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नर्गिस ए होंशरूबा जाम ए मयखाना हो गई 

यक ब यक दिल ए जां जान ए जाना हो गई 


बुत ए आशिकां देखने को जाहिद आमदाह है

संग ए सनम आँ दिलकश ए बुतखाना हो गई


हुस्न में गिरफ्त आशिक न ली किसी की खबर

निगाह ए आशिक़ पल भर में मस्ताना हो गई 


अफसाना ए लैला ओ मजनूँ से हमें क्या काम 

मन व तू इश्क़ ए दास्तां खुद अफसाना हो गई


मौसम ए बहार है क्यों सुनूँ नाला ए बुल बुल 

सदा ए ख्याल ए दोस्त बहार ए तराना हो गई 


दर ब दर कु ब कु क्यों फिरे आशिक ए सनम 

कूचा ए सनम आँ आशिक़ ए ठिकाना हो गई


खाना खुराक खुश लीबाश से हमें क्या मतलब

बोसा ए हुस्न ए जाना ही आब ओ दाना हो गई


गुल ओ गुलशन बू ए गुल ए समन आमदाह है 

जुल्फ ए जाना जब से गुलशन ए सुहाना हो गई 


आलम ए मुज्जसिमा ए संग ए मकाना कैसा

अदा ए हुस्न ए जाना रौनक ए ज़माना हो गई  


खुशबख्ती ए दिल को क्यों देखे हुस्न ए माहताब

हसन ए दिल ए जाना लुत्फ़ ए शबाना हो गई



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