होशरुबा
होशरुबा
नर्गिस ए होंशरूबा जाम ए मयखाना हो गई
यक ब यक दिल ए जां जान ए जाना हो गई
बुत ए आशिकां देखने को जाहिद आमदाह है
संग ए सनम आँ दिलकश ए बुतखाना हो गई
हुस्न में गिरफ्त आशिक न ली किसी की खबर
निगाह ए आशिक़ पल भर में मस्ताना हो गई
अफसाना ए लैला ओ मजनूँ से हमें क्या काम
मन व तू इश्क़ ए दास्तां खुद अफसाना हो गई
मौसम ए बहार है क्यों सुनूँ नाला ए बुल बुल
सदा ए ख्याल ए दोस्त बहार ए तराना हो गई
दर ब दर कु ब कु क्यों फिरे आशिक ए सनम
कूचा ए सनम आँ आशिक़ ए ठिकाना हो गई
खाना खुराक खुश लीबाश से हमें क्या मतलब
बोसा ए हुस्न ए जाना ही आब ओ दाना हो गई
गुल ओ गुलशन बू ए गुल ए समन आमदाह है
जुल्फ ए जाना जब से गुलशन ए सुहाना हो गई
आलम ए मुज्जसिमा ए संग ए मकाना कैसा
अदा ए हुस्न ए जाना रौनक ए ज़माना हो गई
खुशबख्ती ए दिल को क्यों देखे हुस्न ए माहताब
हसन ए दिल ए जाना लुत्फ़ ए शबाना हो गई