हम भारत के वासी।
हम भारत के वासी।
हम तो भारत के वासी।
हम हैं वीर, कर्मठ और साहसी।
हमसे जो दुश्मन टकराएगा,
वह चूर-चूर हो जाएगा।
हम जिस पथ पर आगे बढ़ जाते।
बस आगे ही आगे बढ़ते जाते हैं।
बापू ने हमें पढ़ाया था।
हिंसा को दूर भगाया था।
हम भारत को दुश्मनों से बचाएंगे।
चाहे जितना खून, पसीना
पड़े बहाना, बहाएंगे।
हमने कितनी गोलियां खाई।
अंग्रेजों को सात समुंदर दूर भगाया।
अंग्रेजों ने समझा, घर की मुर्गी, घर का जीरा।
हम तप कर निकले चमचम हीरा।
हम ही देश की शान हैं।
हमें ही इसकी मान हैं।
हम तो भारत देश के वासी।
हम हैं वीर कर्मठ और साहसी।
