जीवन का चक्र
जीवन का चक्र
मानव एक किराएदार है
बचपन एक उधार है
बचपन लाड प्यार से प्यारा जीवन है
बुढ़ापा लाड प्यार के लिए प्यारा जीवन है।
बचपन सीखने की उम्र है
बुढ़ापा सिखाने का उम्र है
जवानी में भागदौड़ है परेशानी
तो बालक के लिए यह समय है मनमानी।
जब बच्चे सीख रहे थे खेल का तजुर्बा
तो बूढ़े लिख रहे थे जीवन का तजुर्बा
बचपन की मुस्कान थी प्यारी
बुढ़ापे की मुस्कान है न्यारी।
इस भागदौड़ की जिंदगी में
एक सीख रहा था
एक देख रहा था
एक निर्वाह कर रहा था।
एक सिखा रहा था
एक कहीं अपनों से दूर जा रहा था
यह जीवन का एक चक्र है
जिसका अच्छे से निर्वाह करना
हमारा एक धर्म चक्र है।।
