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Sampoorna Raj

Others

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Sampoorna Raj

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माँ की ममता

माँ की ममता

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माँ ममता की मूरत है।

माँ करुणा की देवी है।।


माँ तेरे रूप है अपार।

माँ की महिमा अपरंपार।।


माँ! धरती तेरी गोद में।

माँ! आसमान तेरी चरण में।।


जब सारा समाज बदल रहा था।

लोग कुछ देने के बदले।।

लेने की चाह रख रहे थे।


उस वक्त माँ सिर्फ अपने बेटे को।।

हर वक्त कुछ ना कुछ दे रही थी।


माँ ने अपने बेटे के लिए।

अपने कीमती वक्त की कर दी कुर्बानी।

ताकि मेरे बेटे को ना हो कोई परेशानी।


जब तक रहेगा माँ का साया।

बाल न बांका कर सके का कोई काया।।


माँ ने हर वक्त अपनी ममता लुटाई ।

ग़म में भी प्यार की खुशियां लुटाई।।


आज का युग भटक रहा है।

माँ का दिल खटक रहा है।।


अब क्यों बदल रहा है ज़माना।

माँ को क्यों कर रहा हैं बेगानी। ।

बच्चे क्यों कर रहे हैं मनमानी।

माँ के साथ कर रहे हैं बहुत बड़ी शैतानी।।


अब तेजी से वक्त बदल रहा है।

लोग माँ की ममता को भूल रहे है।।

अपने जीवन के असूल को तोड़ रहे हैं।


माँ हो रही है पराई।

बच्चे कर रहे हैं लड़ाई।।


मत करो नादान! ऐसी भूल।

मुड़ कर देखना अपना भविष्य।

तेरे दिल में लिखा होगा "कपूत"!

तुम नहीं हो अपने माँ के सच्चे सपूत!


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