लोकतंत्र के अधिकारों का, हमने ऋण चुकताया। लोकतंत्र के अधिकारों का, हमने ऋण चुकताया।
हम तो भारत के वासी। हम हैं वीर, कर्मठ और साहसी। हम तो भारत के वासी। हम हैं वीर, कर्मठ और साहसी।
बृज का हर वासी अपनी सुधबुध खो जाता है। बृज का हर वासी अपनी सुधबुध खो जाता है।
जिस देश में पावन कृष्णा कावेरी रहती है मैं उस देश का सन्यासी हूँ। मैं वीर भारत वासी। जिस देश में पावन कृष्णा कावेरी रहती है मैं उस देश का सन्यासी हूँ। मैं वीर ...
सिया राम घर लौट के आए, अवध वासी होली मनाए। सिया राम घर लौट के आए, अवध वासी होली मनाए।
मुझ को दर्शन दे देना, ओ मेरे कृष्ण कन्हैया मुझ को दर्शन दे देना, ओ मेरे कृष्ण कन्हैया