STORYMIRROR

Sangeeta Aggarwal

Classics

4  

Sangeeta Aggarwal

Classics

कृष्णा

कृष्णा

1 min
165

नटखट कान्हा जब बंसी की धुन बजाता है

गोपियों का मन बस में कहां रहता है।


माखन चोर जब घर घर जाकर माखन चुराता है

माखन खा मटकी फोड़ के आता है।


सुदर्शन चक्र धारी जब अपना चक्र चलाता है

शत्रु का पल में सर्वनाश हो जाता है।


यशोदा का लाल जब जब वन में रास रचाता है

बृज का हर वासी अपनी सुधबुध खो जाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics