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हौसला खुद पर

हौसला खुद पर

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फिर तुम्हारे गीत गूंजेंगे,

खुले आकाश में,

फिर खड़ा होगा समय,

बिल्कुल तुम्हारे साथ में।


रात है, थोड़ा ठहर,

बस कुछ समय की बात है,

फिर तुम्हारी भोर होगी,

मखमली अंदाज़ में।


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