मेरी कविता गीत नहीं है, जीवन की सच्चाई है । जहां कहीं भी देखी पीड़ा मैने कलम चलाई है ।।
आप ही, बस आपके, इसके सिवा कुछ भी नहीं। आप ही, बस आपके, इसके सिवा कुछ भी नहीं।
हमने मिलकर तारों से जब दुआएँ माँगी थी, एक दिन फिर से मुझको वैसी शाम देखना है। हमने मिलकर तारों से जब दुआएँ माँगी थी, एक दिन फिर से मुझको वैसी शाम देखना है।
वो सारे सिक्के रखे हैं मेरे ख़ज़ाने मैं, जिसे लगे थे तुम अपना बनाने मैं । वो सारे सिक्के रखे हैं मेरे ख़ज़ाने मैं, जिसे लगे थे तुम अपना बनाने मैं ।
जुदा होने से तो बस, ग़म ही नसीब हुआ, ग़र हम साथ हो जाएँ तो कितना अच्छा है। जुदा होने से तो बस, ग़म ही नसीब हुआ, ग़र हम साथ हो जाएँ तो कितना अच्छा है।
हर बात पर उससे भीख माँगना बंद कर दो मेरे दोस्त, वरना खुदा भी अज़ान को आदत समझ लेता है। हर बात पर उससे भीख माँगना बंद कर दो मेरे दोस्त, वरना खुदा भी अज़ान को आदत समझ ल...
खुदा जब साथ था मेरे बहुत से लोग आए थे, जब थी ज़रूरत साथ की, तो मैं अकेला था। खुदा जब साथ था मेरे बहुत से लोग आए थे, जब थी ज़रूरत साथ की, तो मैं अकेला था...
गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ, प्यार आये तो, जता भी देता हूँ... गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ, प्यार आये तो, जता भी देता हूँ...
मैं भी चट्टान का जो बेटा हूँ...! मैं भी चट्टान का जो बेटा हूँ...!
आज इन्हीं सपनों को अपनी, आँखों से जाते देखा है...! आज इन्हीं सपनों को अपनी, आँखों से जाते देखा है...!
फिर तुम्हारे गीत गूंजेंगे, खुले आकाश में ! फिर तुम्हारे गीत गूंजेंगे, खुले आकाश में !