टूटा दिल
टूटा दिल


रोज इन्हीं सपनों को,
अपनी रात सजाते देखा है,
आज इन्हीं सपनों को,
अपनी आँखों से जाते देखा है।
सोचा था लेकर उसको,
मैं दूर तलक खो जाऊँगा,
झूम झूम कर नाचूँगा,
और गीत खुशी के गाऊँगा।
हाँ किसी अपने को मैंने,
सब कुछ भुलाते देखा है,
आज इन्हीं सपनों को अपनी,
आँखों से जाते देखा है।