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Ayush Jain

Abstract Romance Inspirational

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Ayush Jain

Abstract Romance Inspirational

देखना है

देखना है

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कितनी है अपने पंखों मैं जान, देखना है 

हमको भी छूकर एक दिन आसमान देखना है।


यूँ ही नहीं हथेली पर, छाले हैं उसके 

उसको भी कुछ चेहरों पे मुस्कान देखना है।


वक़्त का पहिया है, आएगा वापस 

हमको बस उस दिन तेरा अंजाम, देखना है।


रोक ना पाया कोई उसके पैरों की रफ़्तार को 

अब ये बाज़ी होगी किसके नाम ? देखना है।


हमने मिलकर तारों से जब दुआएँ माँगी थी,

एक दिन फिर से मुझको वैसी शाम देखना है।


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