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वक़्त वक़्त की बात है

वक़्त वक़्त की बात है

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राहें थी फ़ूलों की,

सब साथ थे मेरे,

जब कांटों की बारी थी,

तो मैं अकेला था।


जमीं महफिलें, खूब हँसे,

सब साथ बैठे थे,

जब आँखें भिगोना था,

तो मैं अकेला था।


तय किया खुशियों का सफर,

कई यार थे मेरे,

जब समय ने ली करवट,

तो मैं अकेला था।


खुदा जब साथ था मेरे

बहुत से लोग आए थे,

जब थी ज़रूरत साथ की,

तो मैं अकेला था।


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