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प्यार का रिश्ता

प्यार का रिश्ता

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गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ,

प्यार आये तो, जता भी देता हूँ,

पर जी नहीं सकता, उसके बिना,

समय समय पर, बता भी देता हूँ ।


काम करते-करते जिंदगी,

उलझ सी गई है मेरी,

नासमझी में, उसकी आँखें,

भीगा भी देता हूँ ।


उसके रूठ जाने से जिंदगी,

थम-सी जाती है मेरी,

बस फिर क्या, हँसा कर,

उसे मना भी लेता हूँ ।


पतंग का मांझा है,

ये रिश्ता तेरा और मेरा,

कहीं डोर ना टूटे,

इसीलिये हवा भी देता हूँ।


डर है कि कहीं किसी,

मोड़ पे तुम्हे खो न दूँ,

'पर तुम तो सिर्फ मेरी हो',

ये खुद को बता भी देता हूँ ।


गुस्सा आये तो सता भी देता हूँ,

प्यार आये तो जता भी देता हूँ,

और जी नहीं सकता उसके बिना,

समय समय पर बता भी देता हूँ ।।


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