मेरी कविता गीत नहीं है, जीवन की सच्चाई है । जहां कहीं भी देखी पीड़ा मैने कलम चलाई है ।।
समसुद्दीन, जिससे लक्ष्मीपुरा के सारे बच्चे डरते भी थे और नफ़रत भी करते थे । समसुद्दीन, जिससे लक्ष्मीपुरा के सारे बच्चे डरते भी थे और नफ़रत भी करते थे ।
वो मुस्कुराई और मेरा नाम पूछा मैंने अपना नाम बताया और उसका नाम भी पूछ लिया वो मुस्कुराई और मेरा नाम पूछा मैंने अपना नाम बताया और उसका नाम भी पूछ लिया