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हैवान कौन ?

हैवान कौन ?

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दुनिया में आने वाले हैं, सभी चार दिनों के मेहमान

हैं यहां इनसान भी तो, कई रूप में बसे है हैवान।


इंसान के लिए तो, ये चारों दिन है एक समान

तो फिर चलो देखते हैं, कहॉं बसता है यहाँ हैवान ?


कही अंधविश्वास बसा है, कहीं बाबा चमत्कारी है

हैवान का ही रूप है वो, जिसे कहते बलात्कारी है

हमने पढ़ा ग्रंथो में कि, द्रौपदी का चीर हरण हुआ

इसी एक घटना के कारण, युध्द में कई मरण हुआ।


वह युग तो महाभारत बना, जब एक नारी हारी थी

लाज़ बचाने आए कृष्ण, जब चीख लगाई नारी थी

आज का युग तो कलयुग है, जहां सभी नौजवान हैं

बलात्कारी बनकर घूम रहे, इंसान ही यहॉं हैवान है।


यहाँ तो सभी अपनो और रिश्तों में बसा छलावा है

कहीं बाप तो कहीं भाई में, बसा बलात्कारी लावा है

जब एक का जोर न चले, तो गैंगरेप पे उतरते हैं

पैसे के बल पर वे फिर, जेल से बाहर निकलतेे है।

काम आए पैसा भगवान और नाकाम आए हैवान है।


आंखों में मेरे पानी आए, जब निर्भया की गाथा गाए

जाने क्या कसूर था उसका, जरा कोई हमें तो बताए

आखों के पानी तो आज भी, मुझसे यही कह रहे हैं।

काश बचाये कोई, कई लड़कियों के सपने मर रहे हैं।


आज हम स्वतंत्रता और आजादी का जश्न मनाते हैं

शहीदों को याद करके, आँखों में कुछ पानी लाते हैं

बापू और भगत ने सोची नहीं थी ऐसी आजादी।

उन्होंने देखा था जो अंग्रेजों के हाथों की बरबादी

उनकी बलिदानी ने हमारे देश को था आजाद किया

जहां हर कोने में मिलेगी, आज दर्द भरी सिसकियाँ


बात करूँ जब दिल्ली की, ये दिल वाले कहे जाते हैं।

रेप के किस्से तो, दुनिया के इसी कोने से आते हैं

वैसे तो दिल्ली हमारे देश की, शानभरी राजधानी है

खुद पढ़ लो यहां, बलात्कार की कितनी कहानी है

मनचलों की आवारगी, आजादी के कई शौक बड़े हैं

और हाँ प्यार के नाम पर, ये तेजाब फेंकने खड़े है।


सुना था बलात्कार का कारण कपड़ो की खराबी हैं

छोटे कपड़े पहने लड़कियां रौब दिखाए नवाबी है

चलो एक पल के लिए हम इनकी बेतुकी बातें माने

बुरखेवाली का बलात्कार क्यो हुआ हम तो जाने ?


लड़कियों को मत सिखाओ, संस्कार क्या होता है

लड़कों को बताओ, सही अधिकार क्या होता है

नजर को बदलोगे तो, कई नजारे यूं बदल जाएँगे

तब जाकर हम सब एक स्वतंत्र नागरिक कहलाएंगे।


बदनाम मत करो रावण को, तुम्हारे अंदर हैवान है

जला डालो बुराई क्योकि सबमें बसता भगवान है ।


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