हास्य : हाय मेरा दिल तोड़ा। हरियाणवी गीत
हास्य : हाय मेरा दिल तोड़ा। हरियाणवी गीत
माणस खाणी ने , हाय.. मेरा दिल तोडा
अरे मर जाणी ने हाय... मेरा दिल तोडा
मैं पाछे-पाछे डोलूं , मुहँ ते कुछ न बोलूं।
मन्ने माडाजा मौखा मिलजा, दिल के पड़दे खोलूं ।
वो जिब तिरछी नजर' ते देखे,जणु दिलपे बजे हथौड़ा...
माणस खाणी ने हाय मेरा दिल तोडा.........
इक दिन हिम्मत सी करके, मन्ने उस ताई किया इशारा।
उसके दो भाइयां ने देख लिया,मेरा गात मींड दिया सारा।
मेरी ढंग ते नस नस तोड दई, और पूरा दूखूँ जैसे फोडा।
माणस खाणी ने हाय मेरा दिल तोडा.........
मैं पडा पड़ा कराहवे था, कदे रोवे ,कदे चिल्लावे था ।
अपणी किस्मत ने कोसे था,गल्ती खुद की पावे था॥
मेरी चाहत की सड़क पे उसके भाई बनगे रोडा।
माणस खाणी ने हाय मेरा दिल तोडा.........
छोरे क्यूं चिल्लावे से , मेरे बाबू ने मारा दबका।
हाय तौबा मचा रह्या से , तू पड़ा खाट मैं कदका।
सुपना देख रह्या से क्ये ? बाबू ने गात झिंझोड़ा।
माणस खाणी ने हाय मेरा दिल तोडा.........
आँख खुली तो देखा सामे ,खड़े थे दोनों भाई मुस्टंडे।
मेरे बाबू लेरा था जूती, और उनके हाथ्यां में थे डंडे।
खाट के नीचे देख भपारे, बोला रे गरम पानी किसने
छोड़ामाणस खाणी ने हाय मेरा दिल तोडा.........
आंख्या में तिरमिर होगी, कती जोश भूल गया मैं तो।
जैसे कोमा में जा पहुंचा, खाटते तले झूल गया मैं तो।
"उल्लास" बतावे था, मैंने तले पड अपना माथा फोड़ा
माणस खाणी ने हाय मेरा दिल तोडा।