STORYMIRROR

Vihaan Srivastava

Drama

3  

Vihaan Srivastava

Drama

गंगा बैराज के दर्शन

गंगा बैराज के दर्शन

1 min
298

मैं और मेरा मित्र थे निकले बाहर स्कूल जाने को

टीचर ने होमवर्क दिया था याद नहीं बतलाने को

हम दोनों ने बंक किया एक दूजे को घुमाने को

भटके दिन भर हम दोनों कोई राह नहीं सुझाने को।


हम दोनों एक साथ में पहुंचे फिर से गंगाघाट

गंगाजी के दर्शन करके खाई हमने चाट

गंगास्नान के बाद लगाई सैर सपाट

डर था कहीं मिले ना हमको टीचरजी की डाट।


हमने खूब पत्ते खेले और किया हंगामा

छुप छुप कर हम घूम रहे कहीं मिल ना जाए मामा

मम्मी तब स्कूल थी पहुंची जानी क्या पैमाना

गुम हो चुकी थी हंसी लवो की चालू हों गया ड्रामा।


मैं बोला कि चोट लगी थी दोस्त बोला बुखार

हम दोनों को था खाली बचने का खुमार

तमाचे और डाँट का हमको मिला खूब व्यवहार

टीचर बोलो अभी तो बेटा खाली मेरा प्यार


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama