घर याद आता है मुझे
घर याद आता है मुझे
घर याद
आता है मुझे,
वो गाँव की गलियाँ
नदी की पुलिया,
भूल नहीं पाता हूँ मैं,
घर याद
आता है मुझे,
शाम की वो बेला,
ढलता वो सूरज
नेचर की वो खुशबू
गाँव का वो खेला,
सब याद
आता है मुझे,
घर याद
आता है मुझे,
पंछियों की
वो बोली,
माँ की चिल्लाहट भी
लगती थी लोरी,
कुछ भी भूल
नहीं पाता हूँ मैं,
घर याद
आता है मुझे।।