"फ़सल"
"फ़सल"
बापू ने कहा ना रो बिटिया
अबके फसल अच्छी होगी
ला दूँगा तुझे धानी चुनरियाँ
अबके फसल अच्छी होगी
ज्वार भी होगा गेहूँ भी होंगे
सरसों होगी सच्ची सच्ची
ला दूँगा तुझे बिंदी काजल
अबके फसल अच्छी होगी
धान देखो सब निकल गया है
चने का रंग भी बदल गया है
सब को जाकर बेचूँगा मंडी
चुप हो जा मेरी लाडो बच्ची
ला दूँगा तुझे पायल,चूड़ी....के
अबके फसल अच्छी होगी
ईश्वर ने भी क्या खेल रचा है
बे मौसम की ये बरखा है
कर गई सारे सपने बंजर
हाय!कितना भयानक है ये मंज़र
चुप.....चुप हो जा ओ मेरी
लाडो बच्ची...चुप हो जा
ना रो ओ बिटिया रानी
कर दूँगा सब सपने पूरे
जबके फसल अच्छी होगी