जो क़िरदार कहानी के वो लिखतें हैं मेरे ज़ानिब वो सब के सब बिकतें हैं
ला दूँगा तुझे पायल,चूड़ी....के अबके फसल अच्छी होगी ला दूँगा तुझे पायल,चूड़ी....के अबके फसल अच्छी होगी
राधे राधे जप रहे में कृष्ण भी तो है रास बोल उठें है बुत यहाँ मोजिज़ा है तराश में। राधे राधे जप रहे में कृष्ण भी तो है रास बोल उठें है बुत यहाँ मोजिज़ा है ...
कोई आम ना कोई ख़ास रहे नेताओं पे ना विश्वास रहे कोई आम ना कोई ख़ास रहे नेताओं पे ना विश्वास रहे
फूल का रंग-रूप, सुगन्ध प्रेम...फूल से आकर्षण फूल का रंग-रूप, सुगन्ध प्रेम...फूल से आकर्षण
मैं आज पुरानी क़िताब ले आया नई क़िताब को बदले में दे आया। मैं आज पुरानी क़िताब ले आया नई क़िताब को बदले में दे आया।