सुन लो..!
सुन लो..!
लौ यूँ ही जलती रहे
साँसे भी चलती रहे
हम हार नहीं मानेंगे
बस रार यही ठानेंगे
सुन लो..सुन लो....सुन लो
इंसानियत जिंदा रहे
सबका दर्जा एक सा रहे
हर बार यही मांगेंगे
कुछ और नहीं चाहेंगे
सुन लो..सुन लो....सुन लो
कोई आम ना कोई ख़ास रहे
नेताओं पे ना विश्वास रहे
सब सूद समेत वापस लेंगे
अब मनमानी नहीं करने देंगे
सुन लो..सुन लो....सुन लो
हर ज़ुल्म तुम्हारा सहते रहे
मरते मरते ये कहते रहे
तुम एक कहोगे, हम सौ सौ देंगे
पर देश नहीं मिटने देंगे
सुन लो....सुन लो..सुन लो
ना धर्म का कोई धंधा रहे
कर्म से ना कोई अँधा रहे
अब जात धर्म पे नहीं लड़ने देंगे
कोई दंगा यहाँ नहीं करने देंगे
सुन लो..सुन लो....सुन लो
अब और नहीं सहेंगे
हर बार यही कहेंगे
हम हार नहीं मानेंगे.....
बस रार यही ठानेंगे.....
सुन लो..सुन लो....सुन लो......