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Hemant Kumar Aasiwal

Inspirational

3.9  

Hemant Kumar Aasiwal

Inspirational

गुमशुदा की तलाश में

गुमशुदा की तलाश में

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गुमशुदा की तलाश में 

ढूँढता फिरे क्यूँ लाश में

आते जाते सब यहाँ

जी रहे है काश में


कोई है बिछड़ रहा

जूँ मिलन की आस में

भीड़ भाड़ है सभी यहाँ

है बस भीड़ की तलाश में


देखने मे लग रही है

जैसे कोई आग है पलाश में

मैं भी हूँ जल रहा

क्यूँ नहीं तू पास में


राधे राधे जप रहे में

कृष्ण भी तो है रास

बोल उठें है बुत यहाँ

मोजिज़ा है तराश में।


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