एक शपथ
एक शपथ
जूझ रहा है देश हमारा
महामारी जैसी आपदा से
पहले भी जीता है वह
बड़ी बड़ी विपदा से
जन जन को अपना
दायित्व समझना है
हर बार सावधानी
हमें बरतना है
हम सबको यह
दृढ़ निश्चय करना होगा
पैर पसारे ना यह भारत में
काबू में रखना होगा
इस भीषण संकट से
हमको मिलकर लड़ना होगा
संगठन है ताकत हमारी
संगठित हो जुड़ना होगा