एक सहारा ढूंढ रहे हैं
एक सहारा ढूंढ रहे हैं
इश्क़ की दरिया का किनारा ढूंढ रहे हैं
इस अजनबी सफर में एक सहारा
ढूंढ रहे हैं
वो मुस्करा कर देखे मेरी आँखों में
वो नज़ारा ढूंढ रहे हैं
कही खो गया है, इस धरती पे मेरी
आसमान का चाँद-सितारा ढूंढ रहे हैं
उसके साथ गुजरा हुआ, वक़्त सारा
ढूंढ रहे हैं
अजनबीपन उनकी आँखों में फिर
दोबारा ढूंढ रहे हैं
फिर से उस चेहरे की रौनक, वही ताज़गी
करारा ढूंढ रहे हैं
तपते हुए रेगिस्तान में उसे बनके बंजारा
ढूंढ रहे हैं
इश्क़ की दरिया का किनारा ढूंढ रहे हैं
इस अजनबी सफर में एक सहारा ढूंढ रहे हैं