पहली मुलाक़ात..!
पहली मुलाक़ात..!
दूर-दूर तक, फूल ही फूल खिले थे।
जब पहली बार, हम तुमसे मिले थे॥
थी कुछ अलग सी हवाओं में रवानी,
धड़कने थी बेक़ाबू और होंठ सिले थे।
जब पहली बार…
आँखों से आँखों की उस मुलाक़ात में,
उठते – गिरते पलकों के सिलसिले थे।
जब पहली बार…
था शायद वो प्यार का कोई मौसम,
चूनर धानी धरती के आँचल पीले थे।
जब पहली बार…
हवाओं में भी थी इक अजीब शोख़ी,
रातें थी गुलाबी, चाँद तारे शर्मीले थे।
जब पहली बार…
पल दो पल की पहचान में ही 'रासि',
कल के कई हसीं ख़्वाब झिलमिले थे।
जब पहली बार हम, तुमसे मिले थे॥