STORYMIRROR

सोनी गुप्ता

Abstract Romance

4.5  

सोनी गुप्ता

Abstract Romance

दिल के जज्बात

दिल के जज्बात

1 min
197


दिल के जो जज्बात हैं

मोहब्बत में एक ऐसा एहसास है 


उनको इस बात की खबर भी नहीं 

हम उनके इश्क में यहाँ बर्बाद हैं


कई बार तुमसे मैंने यह कहना चाहा 

पर न कोई अल्फाज मेरे पास है 


अब तक ना खबर हुई तुम्हें 

मुझे हर पल तुमसे मिलने की ही आस है 


माना तेरे बगैर किसी चीज की कमी नहीं 

पर तू नहीं तो दिल मेरा उदास है 


मेरा जग सूना सूना है तेरे बगैर 

नींद नहीं आंखों में सोचो क्या हाल है 


जब वो आते दिल में एक कसक सी होती है

मेरे दिल के वो हर जज्बात को समझे 

बस उनसे हमें यही आस है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract