STORYMIRROR

Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance

4  

Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance

सावन कजरी

सावन कजरी

1 min
202


आरे रामा सावन की बरसात फुहार

बहुत खास है रामा।।


आरे रामा सावन की बरसात फुहार 

भोले का अभिषेक करे देवराज अरे रामा शिव का वरदान युग धन धान्य हे रामा।।


आरे रामा कान्हा बने मनिहारी

पहिन के साड़ी हे रामा ,बृंदावन

की गलियन घूमे खोजे राधा प्यारी ना

आरे रामा गोपिन के चतुराई कान्हा घर घर नचाई हे रामा।।


आरे रामा हरियाली खुशहाली चहूं ओर, नाचे मगन मोर , अरे रामा

भोर में बोले कोयलिया छम छम बरसे

बदरिया ना।।


आरे रामा कदम की डारी पर पड़ गए झूले,

गोपी संग राधा झूले ना, अरे रामा कान्हा बजाए बाँसुरीया जिया रिझावे हे रामा।।


आरे रामा सावन की बदरा बदरिया

गुलामी की तोड़े बेड़ियां ना ,आरे रामा

बरसन की गुलामी से आजादी का राग सावनवा ना।।


आरे रामा पहला सावन पिया घर 

पिया गइल परदेश काटे सेज सुहाग

पिया की यादआवे ना,बैरी नन्दी देवरा

दिन रात सतावे ना।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance