STORYMIRROR

सोनी गुप्ता

Abstract Romance

4  

सोनी गुप्ता

Abstract Romance

तुम लौट आओ

तुम लौट आओ

1 min
270

तुम दूर हुए जब से, 

मन की बगिया सूनी सी लगती हैं, 


वक्त व खुशियों वाला कहाँ गुजर गया, 

वह गलियां सभी वीरान सी लगती हैं, 


बातें सारी खत्म हो गई बीच हमारे, 

शोर में भी खामोशियाँ सी लगती हैं, 


अगर तुम लौट आते जीवन में, 

तुम से ही लगता दिल को मेरे, 

खुशियों की सुंदर सी दुनिया सजती है ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract