तुम ही तो
तुम ही तो
करती हूँ बेपनाह प्यार तुमसे
कई बार आँखों से जताया तो था,
कितना रोती हूँ तुम्हारी याद में
कहकर देखा तो था :
काश... समझ पाते तुम कि...
कितना गहरा नाता जुड़ा है तुमसे
क्या कोई कभी महसूस कर पायेगा,
किसी अजनबी के लिए व्याकुल मन
किंचित व्यथित सा हो जायेगा :