दम तोड़ती उम्मीदें
दम तोड़ती उम्मीदें


वो आज भी नहीं समझा
मेरी उन रोती बिलखती
उलझती सँवरती या
यह कहूं उन
दम तोड़ती उम्मीदों को।
उन बिखरी हुई सिसकियों को
जो नाहक़ ही उसका
अब तक इंतज़ार करती रही है
वो अब भी यह ऐतबार
करना नहीं चाहती।
वो एक बुत से बेइंतिहां
प्यार करती रही है
मेरी दम तोड़ती उम्मीदें,
बरहक़ उसको पा न सकी हो।
कहीं दिल के भीतर
वो यह सोच खुद को
शर्मसार करती रही है।