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Meenakshi Gandhi

Drama

4.9  

Meenakshi Gandhi

Drama

दिल और दिमाग की जंग

दिल और दिमाग की जंग

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दिमाग -
तूने ने हमेशा इस दिल को समझाया ,
जब चाहा इसे बेवकूफ़ बनाया ,जब भी चाहा इसने करूँ मनमानी ,
तूने इसे बेईमान ठहराया !!

जाने क्यों तू बस सही ग़लत ही जांचता है ,
जब देखो , प्रमाण के पीछे ही भागता है ,
समझदार है तू शायद ..
इसीलिये बस फायदे तलाशता है !!

कभी तू इस दिल की गवाही भी सुन ,
इसकी सुझाई राहें तो चुन ,
कुछ ख़ास ही है इसकी पहचान,जो ना देखे कभी नफ़ा नुक्सान !!
ना

जाने दिल कोई धर्म और जाति,

भेद भाव की भाषा इसे समझ ना आती,
ये तो रहे बस अपनी ही धुन मॆं ,
ना रखे विश्वास किसी पाप पुण्य मॆं !!

तू जाने इसे भी है हक पूरा ,
तू माने तुझ बिन ये है अधूरा ,
फ़िर क्यों रखें तू अपनी अलग ही राय ,ये बात कभी किसी को समझ ना आये !!













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