धुन
धुन
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उफ़ ये मौसम लगता है बरसात आने को है,
रुत ऐसी है छाई लगता है तू आने को है,
मन बस में नहीं अब दिल भी बावरा हुआ है,
ये मौसम तो देखो तेरी आंख के काजल सा हुआ है,
दो बाते हम दोनों भी कर लेंगे,
आज मिलकर हम दोनों इस बरसात में झूम लेंगे,
जो चला गया ये मौसम फिर जाने कब आए,
तू भी आजा ना जाने ये बरसात फिर कब आए,
तुझे भुलाने की लाख कोशिश की,
पर दिल से तेरे निशान मिटे ही नहीं,
रो रो कर ना जाने कितनी रातें बिता दी,
पर आंखों में आंसू थमे नहीं,
आज मौसम ना जाने क्यों बना है हरजाई,
क्यों इस दिल में इश्क़ वाली धुन फिर दी है सुनाई,
तू पल में बेगाना बन बैठा,
एक तेरी याद में ये दिल परवाना बन बैठा,
इस दिल की शमा कभी बूझी नहीं,
एक तेरे इंतज़ार में ये आंखें थकी नहीं,
ना तू आयेगा कभी इस बात से दिल वाकिफ है,
पर बदलते तो मौसम भी है इस हकीकत से जग वाकिफ है,
तेरी राहों में जशन है,
मेरी राहे तन्हा खामोश है,
तेरा हाथ भीड़ में ना जाने कहां खो गया,
तुझे हम भुला ना सके ना जाने तू हमें कैसे भूल गया,