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Goldi Mishra

Drama Tragedy

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Goldi Mishra

Drama Tragedy

कभी नारी

कभी नारी

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कभी छत है कभी वो दुलार कहलाती है, 
कभी घर का बेटा तो कभी साया कहलाती है, 
कभी साथी कभी हमसफ़र वो बन जाती है,
 कभी गुरु कभी शिष्य वो बन जाती है, 
दो घर को जोड़ती देहलीज वो बन जाती है,
कभी घूंघट से आसमां निहारती पंछी वो बन जाती है,
कभी छाता बन वो हर बारिश से अपनों को बचाती है,
कभी घर खर्च को संभालती वित्तीय विभाग वो कहलाती है,
 हर किसी को खुद से पहले रख वो पीछे हट जाती है,
 अनेकों किरदार निभाती वो अदाकारा नारी कहलाती है,

– गोल्डी मिश्रा



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