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Husan Ara

Classics Inspirational

4.5  

Husan Ara

Classics Inspirational

देश की माटी

देश की माटी

1 min
310


कर्ज़ तेरा, तेरी माटी का,

ऐ देश हमारे, हम पर है।

फ़र्ज़ मेरा, मेरी सांसों का,

अंत शुरू सब तुझ पर है।


देश मेरे तू रहे सुरक्षित।

सम्मान सफलता तू पाए।

तेरी आंखों के तारे बनकर,

गांधी, भगतसिंह फिर आएं।

तेरी माटी की लाज बचाने,

लौह पुरुष, बोस हम बन जाएं।


महान विभतियों के सपने साकार,

अब करना अपने दम पर है।

कर्ज़ तेरा, तेरी माटी का।

ऐ देश हमारे हम पर है।


इकबाल, रविन्द्र, बंकिम सी वाणी,

में तेरे हम गीत सुनाएं।

सीमा पर शहीद जवानों जैसा,

आत्मबल हम भी पाएं।

कलाम, कल्पना बन सब बच्चे,

तेरा गौरव गान कराएं।


तेरे मैदान, पहाड़, नदियों में रहते,

जीवन तुझ पर निर्भर है।

कर्ज़ तेरा, तेरी माटी का,

ऐ देश हमारे, हम पर है।

तेरे विकास से ही हम विकसित,

तेरे उपकारों से विस्मित।

तेरी गोद में जीवन मरण सब,

पवित्रता सौम्यता कण कण स्थित।

कर दें तुझ पर प्राण न्योछावर,

अपना सारा जीवन अर्पित।


जीना तुझमें क्षण क्षण अपना,

हर त्योहार से बढ़कर है।

हम सब तेरी शान बढ़ाएं,

यही अभिलाषा बल पर है।


फ़र्ज़ मेरा, मेरी सांसों का,

अंत शुरू सब तुझ पर है।

कर्ज़ तेरा, तेरी माटी का,

ऐ देश हमारे हम पर है।


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