रिश्ते
रिश्ते
मां पत्नी और बहू
सब अलग-अलग रिश्ते हैं,
पर असल में यह तो,
रंग बिरंगे पतले पतले धागे हैं।
दिखते अच्छे हैं,
पर टूटते भी हैं
और जुड़ते भी नहीं,
जुड़ते हैं तो गाठ से ही।
ये रिश्ते नहीं, ये धागे हैं
प्यार और एकता हो तो,
अलग अलग होकर भी,
यह मजबूत है।
होते हैं लोग बहुत,
रिश्तो की रस्सी तोड़ना चाहते हैं।
धागा जोड़ जोड़ कर जो,
चादर बना।
मासूमियत और अपनेपन से,
ऐसा रिश्ता बना।