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Nishtha jain

Tragedy

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Nishtha jain

Tragedy

"दिल को सब पता है"

"दिल को सब पता है"

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आज दिल कुछ कहना चाहता है,

कितनी बेबस होती हैं हम लड़कियां,

यह‌ दिल दिल जोर-जोर से चिल्लाना चाहता है,

यह दिल कुछ कहना चाहता है।


चाहे कितनी कठिन रीति रिवाज हो,

कांटे जैसे चुभने वाले

लोगों के ताने हो,

विष जैसा अपमान हो,

सब सह लेती हैं ,

हम लड़कियां,

दिल यही कहना चाहता है।


प्यार करने से,

आगे बढ़ने से,

कामयाबी पाने से,

ऊंची उड़ान भरने से,

डरती हैं हम लड़कियां,

यह सच है,

यही तो दिल कहना चाहता है।


शादी न होने का डर,

मोटे होने ‌का डर,

अच्छा जीवन साथी न मिलने का डर ,

ससुराल में सबको खुश न रखने का डर,

डर ही है,

जिसे मरती हैं पल-पल ,

हम लड़कियां,

दिल यही तो कहना चाहता है।


दिल को सब पता है,

एक लड़की के दिल का हाल,

उसे सब पता है,

टेंशन, डर, घबराहट,

से भरा हुआ दिल,

दिल को सब पता है।



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