प्यार और दूरी
प्यार और दूरी
अक्सर ये ख्याल मेरे मन में आता है,
क्या दूरी प्यार को सुकोड़ देता है ?
क्या दूर बैठा वो इंसान,
बना देगा मेरे दिल को अनजान ?
सच्चाई से बेखबर,
लोगों ने बहुत कुछ दिया कान में भर,
फिर वो पल है आया,
दिल में मेरे प्यार था छाया।
मैं थी यहां, वो थे वहां
समय बीतता गया,
हमारा प्यार गहरा होता गया।
लोगों की बातें मजाक लग रही थी,
सच्चे प्यार की अहमियत
उन्हें कहाँ मालूम थी।
प्यार अगर दूरी से कम होता,
तो आज हर रिश्ता गुम होता।