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Nishtha jain

Romance

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Nishtha jain

Romance

दिल में बसे

दिल में बसे

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दिल में जो बस जाए,

वो निकल नहीं सकता।

चाहे खुद से नफ़रत हो जाए,

पर वो दिल से नहीं निकल सकता।

प्यार किया था कभी उनसे,

क्योंकि उनके जैसा कभी कोई मिल नहीं सकता।


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