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Nishtha jain

Abstract Classics Inspirational

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Nishtha jain

Abstract Classics Inspirational

सजदा है !

सजदा है !

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वो कौन है ?

जिसका आज सब सजदा करते है,वो

 बेचारी नहीं वो इंसान हैं।

वो औरत है, वो महान है,

उसने ना मांगा कोई इनाम है।


ममता की मूरत है वह,

मांगी उसने बस अपनी पहचान है।

सजदा है उसे,

जो हर रिश्ते के धागे की सुई है,

वह जिसका हर त्याग एक,

बलिदान है,

आज हर उस औरत को प्रणाम है।


सजदा,

उन सभी का है,

जिसने दिलाया उन्हें उनका, 

सम्मान है।

सजदा उसे भी है,

जिसने कहा,

नर-नारी एक समान हैं।


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