मां
मां
शब्दों से कहां तुझको सवार पाऊंगा
जब वर्णमाला खत्म हो जाएंगी
तब भी में कहा तुम्हें परिभाषित कर पाऊंगा
कुछ शब्द में कहा तेरा महत्व बता पाऊंगा
बहुत लेखकों ने लिखा है मां पर
मैं भी लिखना चाहता हूं लाखों पंक्तियां
पर कहा तेरी ममता विचारों में दिखा पाऊंगा
वो अंधेरी रात, जब पेट में दर्द उठा था
तुमने जो अपनी नींद छोड़ के मुझे बहलाया था
और सुबह जल्दी उठ कर घर का काम किया था
वो में कैसे शब्दों में बताऊंगा
जब सबने अकेला छोड़ा था,
तेरी आचल ने मुझे सवार था
उस आचाल के भाव को
मैं कहा दर्शा पाऊंगा
मां तेरा महत्व में शब्दों में ना बता पाऊंगा।