ये रिश्ते
ये रिश्ते
ये रिश्ते ये नाते
जिन्हें हम सींचते हैं
अपने खून से
पालते हैं जुनून से
संवारते हैं भावनाओं से
जब दूर जा छिटकते हैं
कारण या बिना कारण
जाने बवाल बन जाते हैं।
वो रिश्ते
जिन्हें हम सींचते हैं
अपने दिल से
पालते हैं प्यार से
संवारते हैं परिश्रम से
जब दूर जा छिटकते हैं
कारण या बिना कारण
जाने बवाल बन जाते हैं।
ऐसे रिश्ते
जिन्हें हम सींचते हैं
अपने दिमाग से
बढ़ाते हैं आगे
चालाकी से और स्वार्थ से
जब दूर जा छिटकते हैं
कारण या बिना कारण
जाने बवाल बन जाते हैं।
सच्चे रिश्ते
जो दिल की गहराईयों से
जुड़े रहें
सदैव सुख दु:ख के साथी बनें
मुश्किल हैं मिलने।