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Gulab Jain

Drama

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Gulab Jain

Drama

चुनावी दौड़ में होड़...

चुनावी दौड़ में होड़...

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भाग री जनता भाग,

मिलखा जैसे भाग।


सियासत करने वालों से,

उनकी कुटिल चालों से,


जितना दूर हो सके भाग |

भाग री जनता भाग।


पहन कर सियासत का चोला,

सब्ज़ - बाग़ तुम को दिखलाने,


आ गए पलटने भाग |

भाग री जनता भाग।


धर्म का हथियार ले कर,

नफ़रतों का बीज बोने,


आ गए भड़काने आग |

भाग री जनता भाग।


ढोल जाति का बजा कर,

फिर से तुम को बर्गलाने,


अलाप रहे हैं राग |

भाग री जनता भाग।


अपने मन की बात सुन तू ,

अपने सपने ख़ुद बुन तू ,


सो रही क्यूँ , जाग |

भाग री जनता भाग।

मिलखा जैसे भाग।।


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