चमत्कारी पेन
चमत्कारी पेन
एक कलम ऐसी थी गजब
जो बोलो वो लिख देती थी
किसी की भी हस्तलिपि में
सुंदर अक्षर उकेर देती थी
मजे की बात उसे कोई नहीं
पकड़ता था अपने हाथों में
हर मौसम में करती थी काम
सर्दी, गर्मी या बरसातों में
कागज़ पर लिखती थी बढ़िया
दीवार पर लिख सकती थी
लिखते लिखते इंक भर सकते
और रात में वो चमकती थी
एक नए किस्म का रोबोट थी
आने वाले युग का है सपना
जिसने उसको बना लिया
नोबेल प्राइज मिलेगा देखना
ऐसी ऐसी कल्पनाएं करो
बच्चों तुम भी बड़ी बड़ी
कल्पना ही साकार हैं होती
इस दुनिया में हर घड़ी।
