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Anita Choudhary

Drama Inspirational

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Anita Choudhary

Drama Inspirational

चमत्कार

चमत्कार

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क्या तुमने देखा है कोई चमत्कार,

या उसे किया है अनुभव,

तुम कहोगे "ना",

लेकिन मुझे आश्चर्य होगा,

तुम्हारा यह जवाब सुनकर।


क्योंकि मैंने तो देखा है इक चमत्कार,

अस्त होता सूर्य,

उदीयमान चन्द्रमा,

झमझम गिरती बारिश।


जून के महीने में,

पेड़ों पर छाई चमकती हरियाली,

वो फूलों का प्यार,

उसे समेटती मधुमक्खियाँ।


वो जंगल का अँधेरा,

उसमे चमकते जुगनू,

लाखों तारे दमकते आसमान में,

तुम्हारे नाक पर गिरी,

ओस की वह बूंद।


सांस रोक देने वाला,

वह लाल गुलाब का फूल,

समय रुपी उपहार पाकर आई,

एक बच्चे की आँखों की चमक।


अच्छी फसल पाकर आई,

किसान की आँखों में चमक,

नवजात शिशु को लेना गोद में,

और चूमना उसके गाल पर।


बांटना अपना भोजन किसी अजनबी के साथ,

बांटना मुस्कुराहटें किसी अजनबी के साथ,

जीवन में आई किसी अचानक विपत्ति के बाद,

जानना कीमत इस जिन्दगी की।


उड़ना पक्षियों का, तैरती मछलियाँ,

वह टूटता तारा और आकार लेता इन्द्रधनुष,

समुद्र में तैरती नांवें,

वो जीवन में अचानक आई खुशियाँ।


जीवन की हर छोटी,

चीज़ है इक चमत्कार,

तो फिर बताओ क्या,

आपने देखा है कोई चमत्कार,

अब समय है।


बैठकर सोचने का,

देखने का हमारे चारों,

और होते चमत्कारों का,

और समय है,

देख इन चमत्कारों को,

आश्चर्यचकित होने का।


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